आज डॉक्टर बशीर बद्र साहब की एक ग़ज़ल शेयर कर रहा हूँ, जिसे जगजीत सिंह और अन्य गायक कलाकारों ने भी गाया है| बद्र साहब अपनी नायाब एक्स्प्रेशन और भाषिक प्रयोगों के लिए विशेष रूप से जाने जाते हैं|
लीजिए आज प्रस्तुत है डॉक्टर बशीर बद्र साहब की ये बेहतरीन ग़ज़ल-

सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा,
इतना मत चाहो उसे, वो बेवफ़ा हो जाएगा,
हम भी दरिया हैं, हमें अपना हुनर मालूम है,
जिस तरफ भी चल पड़ेंगे, रास्ता हो जाएगा,
कितनी सच्चाई से मुझसे, ज़िन्दगी ने कह दिया,
तू नहीं मेरा तो कोई दूसरा हो जाएगा,
मैं खुदा का नाम लेकर, पी रहा हूं दोस्तों,
ज़हर भी इसमें अगर होगा, दवा हो जाएगा,
सब उसी के हैं, हवा, ख़ुशबू, ज़मीन-ओ-आसमां
मैं जहां भी जाऊंगा, उसको पता हो जाएगा !!
आज के लिए इतना ही,
नमस्कार|
*******