आज हिन्दी मंचों और फिल्मों के लाडले गीतकार स्वर्गीय गोपाल दास ‘नीरज’ जी का एक गीत शेयर कर रहा हूँ| नीरज जी के गीतों में अक्सर दर्शन भी शामिल होता है, जैसे इस गीत में भरपूर है|

लीजिए आज नीरज जी का यह सुंदर गीत प्रस्तुत है –
जितना कम सामान रहेगा,
उतना सफ़र आसान रहेगा|
जितनी भारी गठरी होगी,
उतना तू हैरान रहेगा|
उससे मिलना नामुमक़िन है,
जब तक ख़ुद का ध्यान रहेगा|
हाथ मिलें और दिल न मिलें,
ऐसे में नुक़सान रहेगा|
जब तक मंदिर और मस्जिद हैं,
मुश्क़िल में इंसान रहेगा|
‘नीरज’ तो कल यहाँ न होगा,
उसका गीत-विधान रहेगा|
आज के लिए इतना ही,
नमस्कार
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Just read the translation,
and that is so beautiful and inspirational,
Kindest regards,
Thanks a lot.