आज मुकेश जी और लता जी का एक रोमांटिक युगल गीत याद आ रहा है| गीतकार शैलेन्द्र जी का लिखा यह गीत, 1951 में रिलीज़ हुई फिल्म-‘आवारा’ में राज कपूर और नर्गिस की सदाबहार जोड़ी पर फिल्माया गया था और इसका मधुर संगीत शंकर-जयकिशन की संगीतमय जोड़ी ने तैयार किया था|
हमारे कवि-रचनाकार चांद से भी क्या-क्या काम करवाते हैं| इस गीत में शर्मीली नायिका तो चांद से अनुरोध करती है कि वह छिप जाए, जिससे वह नायक से कुछ प्यार कर सके| लेकिन नायक जो अपने आप को खुले-आम चोर घोषित करता है, वो चांद से कहता है कि वह देखे और इसकी गवाही भी दे कि वह किस तरह दिल चुराता है|
लीजिए प्रस्तुत है फिल्म- ‘आवारा’ का यह चुलबुला गीत-

दम भर जो उधर मुँह फेरे, ओ चंदा,
मैं उनसे प्यार कर लूँगी, बातें हज़ार कर लूँगी|
दिल करता है प्यार के सजदे, और मैं भी उनके साथ
चांद को चंदा रोज ही देखे, मेरी पहली रात,
बादल में अब छुप जा रे, ओ चंदा
मैं उनसे प्यार कर लूँगी, बातें हज़ार कर लूँगी|
दमभर जो इधर मुँह फेरे, ओ चंदा
मैं उन से प्यार कर लूँगा, नज़रें तो चार कर लूँगा
मैं चोर हूँ काम है चोरी, दुनिया में हूँ बदनाम
दिल को चुराता आया हूँ, ये ही है मेरा काम
आना तू गवाही देने, ओ चंदा
मैं उनसे प्यार कर लूँगा, नज़रें तो चार कर लूँगा|
दिल को चुरा के खो मत जाना, राह न जाना भूल
इन कदमों से कुचल न देना मेरे दिल का फूल
ये बात उन्हे समझा दे, ओ चंदा
मैं उन से प्यार कर लूँगी, बातें हज़ार कर लूँगी|
आज के लिए इतना ही,
नमस्कार|
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The way you explain things, how can one NOT like the song?
Thanks a lot ji.
waah, bahut sundar ..
बहुत धन्यवाद जी।