आज एक बार फिर से मैं, हम सबके प्रिय गायक स्वर्गीय मुकेश चंद्र माथुर जी का एक प्यारा सा गीत शेयर कर रहा हूँ, जिनको हम प्यार से सिर्फ ‘मुकेश’ नाम से जानते हैं|
फिल्म- ‘प्यार की राहें’ के लिए इस गीत को ‘प्रेम धवन’ जी ने लिखा था, इसका संगीत – कनू घोष जी ने दिया था और मुकेश जी ने बहुत प्रभावी ढंग से गाकर इस गीत को अमर कर दिया था| लीजिए प्रस्तुत है यह गीत-

दो रोज़ में वो प्यार का आलम गुज़र गया,
बरबाद करने आया था, बरबाद कर गया|
दो रोज़ में
बस इतनी सी है दास्तां बचपन के प्यार की,
दो फूल खिलते खिलते ही गुलशन उजड़ गया|
गुलशन उजड़ गया
लेके सहारा याद का कब तक कोई जिए
ऐ मौत आ कि ज़िंदगी से दिल ही भर गया
दिल ही भर गया|
सीने में जब किसी के धड़कता था दिल मेरा
वो दिन कहाँ गए, वो ज़माना किधर गया
ज़माना किधर गया|
दो रोज में
आज के लिए इतना ही,
नमस्कार|
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waah, very nice
Thanks a lot ji.
Nostalgic, my dear Sir.
Thanks a lot dear.