
तमाम उम्र मेरा दिल उसी धुएँ में घुटा,
वो इक चराग़ था मैं ने उसे बुझाया है|
बशीर बद्र
आसमान धुनिए के छप्पर सा
तमाम उम्र मेरा दिल उसी धुएँ में घुटा,
वो इक चराग़ था मैं ने उसे बुझाया है|
बशीर बद्र
Lovely
Thanks a lot ji.