
सातों दिन भगवान के, क्या मंगल क्या वीर,
जिस दिन सोये देर तक, भूखा रहे फ़कीर |
निदा फाज़ली
आसमान धुनिए के छप्पर सा
सातों दिन भगवान के, क्या मंगल क्या वीर,
जिस दिन सोये देर तक, भूखा रहे फ़कीर |
निदा फाज़ली