
कभी न सोचा था हमने क़तील उसके लिए,
करेगा हम पे सितम वो भी हर किसी की तरह।
क़तील शिफाई
आसमान धुनिए के छप्पर सा
कभी न सोचा था हमने क़तील उसके लिए,
करेगा हम पे सितम वो भी हर किसी की तरह।
क़तील शिफाई