
आँखों को भी ले डूबा ये दिल का पागल-पन,
आते जाते जो मिलता है तुम सा लगता है|
क़ैसर उल जाफ़री
आसमान धुनिए के छप्पर सा
आँखों को भी ले डूबा ये दिल का पागल-पन,
आते जाते जो मिलता है तुम सा लगता है|
क़ैसर उल जाफ़री
Seems, you can create something from anything
Thanks a lot ji.