इस बस्ती में कौन हमारे आंसू पोंछेगा,
जो मिलता है उसका दामन भीगा लगता है|
क़ैसर उल जाफ़री
A sky full of cotton beads like clouds
इस बस्ती में कौन हमारे आंसू पोंछेगा,
जो मिलता है उसका दामन भीगा लगता है|
क़ैसर उल जाफ़री
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