
ग़ज़ब ये है की अपनी मौत की आहट नहीं सुनते
वो सब के सब परेशां हैं वहां पर क्या हुआ होगा।
दुष्यंत कुमार
आसमान धुनिए के छप्पर सा
ग़ज़ब ये है की अपनी मौत की आहट नहीं सुनते
वो सब के सब परेशां हैं वहां पर क्या हुआ होगा।
दुष्यंत कुमार