आज फिर से मैं मुकेश जी और लता मंगेशकर जी के गाये एक युगल गीत के बोल प्रस्तुत कर रहा हूँ, जो कि आनंद बख्शी जी ने लिखे थे| फिल्म ‘मेरे हमसफ़र’ के लिए इसका संगीत तैयार किया था कल्याणजी आनंदजी की संगीतमय जोड़ी ने|
लीजिए प्रस्तुत है लता मंगेशकर जी और मुकेश जी के युगल स्वरों में यह मधुर गीत:

किसी राह में, किसी मोड़ पर
कहीं चल ना देना तू छोड़कर,
मेरे हमसफ़र, मेरे हमसफ़र|
किसी हाल में, किसी बात पर
कहीं चल ना देना तू छोड़कर,
मेरे हमसफ़र, मेरे हमसफ़र
मेरा दिल कहे कहीं ये ना हो,
नहीं ये ना हो, नहीं ये ना हो
किसी रोज तुझ से बिछड़ के मैं,
तुझे ढूँढती फिरू दरबदर|
तेरा रंग साया बहार का,
तेरा रूप आईना प्यार का
तुझे आ नज़र में छुपा लूँ मैं,
तुझे लग ना जाये कहीं नज़र
तेरा साथ है तो है ज़िन्दगी,
तेरा प्यार है तो है रोशनी
कहाँ दिन ये ढल जाये क्या पता,
कहाँ रात हो जाये क्या खबर|
मेरे हमसफ़र, मेरे हमसफ़र|
आज के लिए इतना ही,
नमस्कार
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