आज दिल की चोटों, दिल टूटने आदि को लेकर कुछ शेर, गीत पंक्तियाँ शेयर करूंगा, शुरुआत जोश मलीहाबादी जी के एक शेर से-

दिल की चोटों ने कभी चैन से रहने न दिया,
जब चली सर्द हवा, मैंने तुझे याद किया|
आसमान धुनिए के छप्पर सा
आज दिल की चोटों, दिल टूटने आदि को लेकर कुछ शेर, गीत पंक्तियाँ शेयर करूंगा, शुरुआत जोश मलीहाबादी जी के एक शेर से-
दिल की चोटों ने कभी चैन से रहने न दिया,
जब चली सर्द हवा, मैंने तुझे याद किया|
बहुत सुन्दर |
बहुत बहुत धन्यवाद जी।
दर्द दिल का हो तो कोई मरहम भी काम नही आता
दर्द की इंतहा तो देखिए, मर के भी साथ जाता है
बहुत सही कहा आपने।