
तेरे होते कोई किसी की जान का दुश्मन क्यों हो,
जीने वालों को मरने की आसानी दे मौला |
निदा फ़ाज़ली
आसमान धुनिए के छप्पर सा
तेरे होते कोई किसी की जान का दुश्मन क्यों हो,
जीने वालों को मरने की आसानी दे मौला |
निदा फ़ाज़ली