
उसने कितने प्यार से अपना कुफ़्र दिया नज़राने में,
हम अपने ईमान का सौदा जिससे करने आये थे|
क़तील शिफ़ाई
आसमान धुनिए के छप्पर सा
उसने कितने प्यार से अपना कुफ़्र दिया नज़राने में,
हम अपने ईमान का सौदा जिससे करने आये थे|
क़तील शिफ़ाई