जावेद अख़्तर साहब भारतीय शायरों में और मुंबई के फिल्म जगत में एक जाना-माना नाम हैं| उन्होंने सलमान खान जी के पिता सलीम खान साहब के साथ मिलकर अनेक हिट फिल्मों की पटकथा भी लिखी थी, जिनमें सुपर हिट फिल्म ‘शोले’ भी शामिल थी, और हां फिल्मों में गीत तो वे लंबे समय से लिख ही रहे हैं, अपनी स्वतंत्र शायरी के अलावा|
लीजिए प्रस्तुत है जावेद अख़्तर साहब की यह ग़ज़ल –

दर्द अपनाता है पराए कौन
कौन सुनता है और सुनाए कौन|
कौन दोहराए वो पुरानी बात
ग़म अभी सोया है जगाए कौन|
वो जो अपने हैं क्या वो अपने हैं
कौन दुख झेले आज़माए कौन|
अब सुकूँ है तो भूलने में है
लेकिन उस शख़्स को भुलाए कौन|
आज फिर दिल है कुछ उदास उदास
देखिये आज याद आए कौन|
आज के लिए इतना ही,
नमस्कार
******