
ज़िन्दगी क्या इसी को कहते हैं,
जिस्म तन्हा है और जां तन्हा|
मीना कुमारी (महज़बीं बानो)
आसमान धुनिए के छप्पर सा
ज़िन्दगी क्या इसी को कहते हैं,
जिस्म तन्हा है और जां तन्हा|
मीना कुमारी (महज़बीं बानो)