
मानो न मानो तुम ’उदय’ लक्षण सुबह के हैं,
चमकीला तारा कोई नहीं आसमान में।
उदय प्रताप सिंह
आसमान धुनिए के छप्पर सा
मानो न मानो तुम ’उदय’ लक्षण सुबह के हैं,
चमकीला तारा कोई नहीं आसमान में।
उदय प्रताप सिंह