
आँखें मुझे तल्वों से वो मलने नहीं देते,
अरमान मेरे दिल का निकलने नहीं देते|
अकबर इलाहाबादी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
आँखें मुझे तल्वों से वो मलने नहीं देते,
अरमान मेरे दिल का निकलने नहीं देते|
अकबर इलाहाबादी