
दिल को नासेह की ज़रूरत है न चारागर की,
आप ही रोता है औ आप ही समझाता है ।
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
आसमान धुनिए के छप्पर सा
दिल को नासेह की ज़रूरत है न चारागर की,
आप ही रोता है औ आप ही समझाता है ।
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
नादान बड़ा है दिल क्या करे
पर समझदार न हो तो अच्छा,❤️
जी सही बात है, समझदारी में क्या रखा है?