
चुपके-चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है,
हमको अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है|
हसरत मोहानी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
चुपके-चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है,
हमको अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है|
हसरत मोहानी