
तू भी हीरे से बन गया पत्थर,
हम भी कल जाने क्या से क्या हो जाएं|
अहमद फराज़
आसमान धुनिए के छप्पर सा
तू भी हीरे से बन गया पत्थर,
हम भी कल जाने क्या से क्या हो जाएं|
अहमद फराज़