
चाहा था एक फूल ने तड़पे उसी के पास,
हमने खुशी के पाँवों में कांटे चुभा लिए|
कुंवर बेचैन
आसमान धुनिए के छप्पर सा
चाहा था एक फूल ने तड़पे उसी के पास,
हमने खुशी के पाँवों में कांटे चुभा लिए|
कुंवर बेचैन