
अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझको,
मैं हूँ तेरा नसीब अपना बना ले मुझको|
क़तील शिफ़ाई
आसमान धुनिए के छप्पर सा
अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझको,
मैं हूँ तेरा नसीब अपना बना ले मुझको|
क़तील शिफ़ाई