
इक ये दिन जब ज़हन में सारी अय्यारी की बातें हैं,
इक वो दिन जब दिल में सारी भोली बातें रहती थीं।
जावेद अख़्तर
आसमान धुनिए के छप्पर सा
इक ये दिन जब ज़हन में सारी अय्यारी की बातें हैं,
इक वो दिन जब दिल में सारी भोली बातें रहती थीं।
जावेद अख़्तर