
कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा।
कुछ ने कहा ये चांद है कुछ ने कहा चेहरा तेरा।
इब्ने इंशा
आसमान धुनिए के छप्पर सा
कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा।
कुछ ने कहा ये चांद है कुछ ने कहा चेहरा तेरा।
इब्ने इंशा