
एक क़ब्रिस्तान में घर मिल रहा है,
जिसमें तहख़ानों में तहख़ाने लगे हैं|
दुष्यंत कुमार
आसमान धुनिए के छप्पर सा
एक क़ब्रिस्तान में घर मिल रहा है,
जिसमें तहख़ानों में तहख़ाने लगे हैं|
दुष्यंत कुमार