
मौलवी से डाँट खा कर अहले-मक़तब,
फिर उसी आयत को दोहराने लगे हैं|
दुष्यंत कुमार
आसमान धुनिए के छप्पर सा
मौलवी से डाँट खा कर अहले-मक़तब,
फिर उसी आयत को दोहराने लगे हैं|
दुष्यंत कुमार