
वक़्त के साथ है मिट्टी का सफ़र सदियों से,
किसको मालूम, कहाँ के हैं, किधर के हम हैं |
निदा फ़ाज़ली
आसमान धुनिए के छप्पर सा
वक़्त के साथ है मिट्टी का सफ़र सदियों से,
किसको मालूम, कहाँ के हैं, किधर के हम हैं |
निदा फ़ाज़ली