
हमसे भागा न करो, दूर ग़ज़ालों की तरह,
हमने चाहा है तुम्हें चाहने वालों की तरह|
जाँ निसार अख़्तर
आसमान धुनिए के छप्पर सा
हमसे भागा न करो, दूर ग़ज़ालों की तरह,
हमने चाहा है तुम्हें चाहने वालों की तरह|
जाँ निसार अख़्तर