
मेरे होंटों पे अपनी प्यास रख दो और फिर सोचो,
कि इसके बाद भी दुनिया में कुछ पाना ज़रूरी है|
वसीम बरेलवी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
मेरे होंटों पे अपनी प्यास रख दो और फिर सोचो,
कि इसके बाद भी दुनिया में कुछ पाना ज़रूरी है|
वसीम बरेलवी