
अजीब सानेहा मुझ पर गुज़र गया यारो,
मैं अपने साये से कल रात डर गया यारो|
शहरयार
आसमान धुनिए के छप्पर सा
अजीब सानेहा मुझ पर गुज़र गया यारो,
मैं अपने साये से कल रात डर गया यारो|
शहरयार