
जागती आँखों से भी देखो दुनिया को,
ख़्वाबों का क्या है वो हर शब आते हैं|
शहरयार
आसमान धुनिए के छप्पर सा
जागती आँखों से भी देखो दुनिया को,
ख़्वाबों का क्या है वो हर शब आते हैं|
शहरयार