
उम्र जल्वों में बसर हो ये ज़रूरी तो नहीं,
हर शब-ए-ग़म की सहर हो ये ज़रूरी तो नहीं|
ख़ामोश ग़ाज़ीपुरी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
उम्र जल्वों में बसर हो ये ज़रूरी तो नहीं,
हर शब-ए-ग़म की सहर हो ये ज़रूरी तो नहीं|
ख़ामोश ग़ाज़ीपुरी