
घर से निकला तो चली साथ में बिटिया की हँसी,
ख़ुशबुएँ देती रही नन्हीं कली मीलों तक|
कुंवर बेचैन
आसमान धुनिए के छप्पर सा
घर से निकला तो चली साथ में बिटिया की हँसी,
ख़ुशबुएँ देती रही नन्हीं कली मीलों तक|
कुंवर बेचैन