
ज़िंदगी यूं भी जली, यूं भी जली मीलों तक,
चाँदनी चार क़दम, धूप चली मीलों तक|
कुंवर बेचैन
आसमान धुनिए के छप्पर सा
ज़िंदगी यूं भी जली, यूं भी जली मीलों तक,
चाँदनी चार क़दम, धूप चली मीलों तक|
कुंवर बेचैन
Wah! Lovely.
Thanks a lot ji.
Beautiful photo accompanied
Thanks a lot ji.