
सूख गई जब इन आँखों में प्यार की नीली झील “क़तील”,
तेरे दर्द का ज़र्द समन्दर काहे शोर मचायेगा|
क़तील शिफ़ाई
आसमान धुनिए के छप्पर सा
सूख गई जब इन आँखों में प्यार की नीली झील “क़तील”,
तेरे दर्द का ज़र्द समन्दर काहे शोर मचायेगा|
क़तील शिफ़ाई