
ये जिगर, ये दिल, ये नींदें, ये क़रार,
इश्क़ में देने हैं नज़राने बहुत|
महेन्द्र सिंह बेदी ‘सहर’
आसमान धुनिए के छप्पर सा
ये जिगर, ये दिल, ये नींदें, ये क़रार,
इश्क़ में देने हैं नज़राने बहुत|
महेन्द्र सिंह बेदी ‘सहर’