
फ़ाख़्ता की मजबूरी ,ये भी कह नहीं सकती,
कौन साँप रखता है, उसके आशियाने में|
बशीर बद्र
आसमान धुनिए के छप्पर सा
फ़ाख़्ता की मजबूरी ,ये भी कह नहीं सकती,
कौन साँप रखता है, उसके आशियाने में|
बशीर बद्र