
तुम्हारे ख़त में नया इक सलाम किसका था,
न था रक़ीब तो आख़िर वो नाम किसका था|
दाग़ देहलवी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
तुम्हारे ख़त में नया इक सलाम किसका था,
न था रक़ीब तो आख़िर वो नाम किसका था|
दाग़ देहलवी
वाह, बहुत अच्छा |
हार्दिक धन्यवाद जी।