
मेरे आंगन में आये या तेरे सर पर चोट लगे,
सन्नाटों में बोलनेवाला पत्थर अच्छा लगता है।
निदा फ़ाज़ली
आसमान धुनिए के छप्पर सा
मेरे आंगन में आये या तेरे सर पर चोट लगे,
सन्नाटों में बोलनेवाला पत्थर अच्छा लगता है।
निदा फ़ाज़ली