
अज़ब ये ज़िन्दगी की क़ैद है, दुनिया का हर इन्सां,
रिहाई मांगता है और रिहा होने से डरता है|
राजेश रेड्डी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
अज़ब ये ज़िन्दगी की क़ैद है, दुनिया का हर इन्सां,
रिहाई मांगता है और रिहा होने से डरता है|
राजेश रेड्डी