
बैठे हैं रास्ते में दिल का खंडहर सजाकर,
शायद इसी तरफ़ से एक दिन बहार गुज़रे|
मीना कुमारी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
बैठे हैं रास्ते में दिल का खंडहर सजाकर,
शायद इसी तरफ़ से एक दिन बहार गुज़रे|
मीना कुमारी