
सब डरते हैं, आज हवस के इस सहरा में बोले कौन,
इश्क तराजू तो है, लेकिन, इस पे दिलों को तौले कौन|
राही मासूम रज़ा
आसमान धुनिए के छप्पर सा
सब डरते हैं, आज हवस के इस सहरा में बोले कौन,
इश्क तराजू तो है, लेकिन, इस पे दिलों को तौले कौन|
राही मासूम रज़ा