
सब हवायें ले गया मेरे समंदर की कोई,
और मुझको एक कश्ती बादबानी दे गया|
जावेद अख़्तर
आसमान धुनिए के छप्पर सा
सब हवायें ले गया मेरे समंदर की कोई,
और मुझको एक कश्ती बादबानी दे गया|
जावेद अख़्तर