
तीरगी चांद के ज़ीने से सहर तक पहुँची,
ज़ुल्फ़ कन्धे से जो सरकी तो कमर तक पहुँची|
राहत इन्दौरी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
तीरगी चांद के ज़ीने से सहर तक पहुँची,
ज़ुल्फ़ कन्धे से जो सरकी तो कमर तक पहुँची|
राहत इन्दौरी