
शाम के बाद जब तुम सहर देख लो,
कुछ फ़क़ीरों को खाना खिलाया करो|
राहत इन्दौरी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
शाम के बाद जब तुम सहर देख लो,
कुछ फ़क़ीरों को खाना खिलाया करो|
राहत इन्दौरी