
फिर उसके बाद झुके तो झुके ख़ुदा की तरफ़,
तुम्हारी सम्त हमारा झुकाव ऐसा था|
कृष्ण बिहारी ‘नूर’
आसमान धुनिए के छप्पर सा
फिर उसके बाद झुके तो झुके ख़ुदा की तरफ़,
तुम्हारी सम्त हमारा झुकाव ऐसा था|
कृष्ण बिहारी ‘नूर’