
चमकते चाँद-सितारों का क्या भरोसा है,
ज़मीं की धूल भी अपनी उड़ान में रखना |
निदा फ़ाज़ली
आसमान धुनिए के छप्पर सा
चमकते चाँद-सितारों का क्या भरोसा है,
ज़मीं की धूल भी अपनी उड़ान में रखना |
निदा फ़ाज़ली