
नदी की कहानी कभी फिर सुनाना,
मैं प्यासा हूँ दो घूँट पानी पिलाना।
कन्हैयालाल नंदन
आसमान धुनिए के छप्पर सा
नदी की कहानी कभी फिर सुनाना,
मैं प्यासा हूँ दो घूँट पानी पिलाना।
कन्हैयालाल नंदन