
बस्ती के सारे लोग ही आतिश-परस्त थे,
घर जल रहा था और समुंदर क़रीब था|
अंजुम रहबर
आसमान धुनिए के छप्पर सा
बस्ती के सारे लोग ही आतिश-परस्त थे,
घर जल रहा था और समुंदर क़रीब था|
अंजुम रहबर